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पर्यावरण संरक्षण के लिए आपकी व्यक्तिगत सामाजिक भूमिका अहम् है

कृषि भूमि में पेड़ों की कटाई के लिए आदर्श नियम - केंद्र ने कृषि वानिकी में व्यापार को आसान बनाने के लिए नियामक ढांचे को सरल बनाकर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदर्श नियम जारी किए

  आगामी एनटीएमएस पोर्टल पर कृषि वानिकी वृक्षारोपण के जियो-टैग किए गए डेटा को रखा जाएगा व पेड़ों की कटाई के लिए किसानों के आवेदनों को मंजूरी देने की सुविधा होगी / ग्रमीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास के साथ इकोलॉजिकल आवश्यकताओं को संतुलित करते हुए सतत कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए किसान-हितैषी कदम   वन,पर्यावरण जलवायु परिवर्तन मंत्रालयइसने कृषि भूमि में पेड़ों की कटाई के लिए आदर्श नियम’ जारी किए हैं। इन नियमों का उद्देश्य नियामक ढांचे को सरल बनाने/  कृषि वानिकी को बढ़ावा देने में राज्यों /  केंद्र शासित प्रदेशों का समर्थन करना है। कृषि वानिकी कई लाभ प्रदान करती है। इसमें ग्रामीण आजीविका को बढ़ाना , मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार , जैव विविधता का संरक्षण , वृक्ष आवरण में वृद्धि , जल संरक्षण , जलवायु लचीलापन में योगदान देना साथ ही  प्राकृतिक वनों पर दबाव कम करना शामिल है। इन मॉडल नियमों का उद्देश्य - इन मॉडल नियमों का उद्देश्य कृषि वानिकी भूमि के पंजीकरण /  वृक्षों की कटाई और परिवहन के प्रबंधन के लिए सरलीकृत प्रक्रियाएँ प्रदान करके एक सुव्यवस्थित विनिय...
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वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने जिला प्रशासन और राज्य सरकारों को फसल की कटाई के मौसम में पराली जलाने को रोकने के लिए सतर्कता बढ़ाने का निर्देश दिया

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आस-पास के क्षेत्रों में राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र , पंजाब , हरियाणा , राजस्थान और उत्तर प्रदेश में जिला अधिकारियों को पराली जलाने के मामले में अकर्मण्‍य अधिकारियों पर मुकदमा चलाने का अधिकार दिया। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने जिला प्रशासन और राज्य सरकारों को फसल की कटाई के मौसम में पराली जलाने को रोकने के लिए सतर्कता बढ़ाने का निर्देश दिया। राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता पर इसके प्रभाव के कारण पराली जलाना गंभीर चिंता का विषय है और आयोग पंजाब , हरियाणा , उत्तर प्रदेश और राजस्थान की राज्य सरकारों , राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र , दिल्‍ली सरकार ,  राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र के राज्यों के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों , पंजाब और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और इससे संबंधित संस्थानों सहित संबंधित हितधारकों के परामर्श से इस मुद्दे पर विचार-विमर्श कर रहा है। 2021 , 2022 और 2023 के दौरान अनुभवों और सीखों के आधार पर , धान की कटाई के मौसम के दौरान पराली जलाने की रोकथाम और नियंत्रण पर ध्यान के...

पद्मजा नायडू हिमालयन चिड़ियाघर ने भविष्य के लिए लाल पांडा आनुवंशिक संसाधनों को संरक्षित करने के लिए संरक्षण को बायोबैंकिंग सुविधा के साथ मजबूत किया

  पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क , दार्जिलिंग के रेड पांडा कंजर्वेशन ब्रीडिंग एंड ऑग्मेंटेशन प्रोग्राम को वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ जूज़ एंड एक्वेरियम द्वारा 2024 डब्ल्यूएजेडए कंजर्वेशन एंड एनवायरनमेंटल सस्टेनेबिलिटी अवार्ड्स के लिए शीर्ष तीन फाइनलिस्ट में से एक के रूप में चुना गया है। विजेता की घोषणा 7 नवंबर 2024 को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी के टारोंगो चिड़ियाघर में 79 वें डब्ल्यूएजेडए वार्षिक सम्मेलन में की जाएगी। 2022 और 2024 के बीच , नौ कैप्टिव-ब्रेड रेड पांडा (सात मादा और दो नर) को पश्चिम बंगाल के सिंगालीला नेशनल पार्क (एसएनपी) में छोड़ा गया। रिहा की गई सात मादाओं में से तीन ने जंगल में पाँच शावकों को जन्म दिया। पीएनएचजेडपी ने पश्चिम बंगाल सरकार के वन्यजीव विंग के साथ मिलकर सिंगालीला नेशनल पार्क और दार्जिलिंग डिवीजन में कई आवास बहाली की पहल की है। पीएनएचजेडपी सीसीएमबी , आईआईएसईआर और डब्ल्यूआईआई जैसे संस्थानों के साथ लाल पांडा से संबंधित कई आंतरिक और सहयोगी शोध कार्य कर रहा है।  पीएनएचजेडपी के संरक्षण प्रयास को इसके बायोबैंकिंग और जेनेटिक रिसोर्स सुविधा से और अधिक मजबूती मिल...

स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता (4एस) अभियान

  सभी के लिए सुनिश्चित हो रहा एक सुरक्षित भविष्य स्वच्छ भारत मिशन ने भारत के स्वच्छता परिदृश्य को सफलतापूर्वक बदल दिया स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता ( 4 एस) अभियान तीन प्रमुख स्तंभों पर आधारित है: स्वच्छता की भागीदारी - स्वच्छ भारत के लिए सार्वजनिक भागीदारी , जागरूकता और गतिविधियाँ , संपूर्ण स्वच्छता - मेगा स्वच्छता अभियान और स्वच्छता लक्ष्य इकाइयों (सीटीयू) का समयबद्ध परिवर्तन , जैसे गंदे स्थान सफाई मित्र सुरक्षा शिविर - स्वास्थ्य जांच और स्वच्छता कार्यकर्ताओं के कल्याण के लिए एकल-खिड़की सेवा , सुरक्षा और सम्मान शिविर। यह अभियान सार्वजनिक भागीदारी (जनभागीदारी) जुटाने , स्थायी स्वच्छता हासिल करने और स्वच्छता कार्यकर्ताओं (सफाई मित्रों) की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानने पर केंद्रित होगा। स्वच्छता ही सेवा 2023 में , 109 करोड़ से अधिक व्यक्तियों और भारत सरकार के 71 मंत्रालयों और विभागों ने 18 दिनों में राष्ट्रव्यापी अभियान में भाग लिया। देश भर में प्रति दिन औसतन लगभग छह करोड़ लोगों की भागीदारी हुई। 18 दिनों की अवधि में देश भर से 53 करोड़ लोगों ने ' स्वच्छता के लिए ...

एक नई योजना जल ही अमृत - सरकार ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में, पानी के पुन:उपयोग के साथ-साथ उसके रीसाइक्लिंग और प्रसंस्करण पर भी ध्यान दे रही है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि पहले 100 दिनों में ही एक नई योजना जल ही अमृत को मंजूरी दी गई है।

  इस सरकार के पहले 100 दिनों में एक नई योजना ‘जल ही अमृत’ को मंजूरी दी गई 10 लाख करोड़ के निवेश के साथ पीएमएवाई-यू 2.0 को सरकार ने पहले 100 दिनों में दी मंजूरी,केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल ने आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की 100 दिनों की उपलब्धियों पर प्रेस को संबोधित करते हुए कहा , " सरकार और मंत्रालय ने नई सरकार के पहले 100 दिनों में नागरिकों के लिए जीवन को आसान बनाने और उन्हें सम्मानजनक जीवन प्रदान करने की दिशा में काम किया है।" उन्होंने कहा कि घर जैसी मूलभूत ज़रुरत को पूरा करने के लिए पीएम श्री नरेन्द्र मोदी ने सभी के लिए आवास का नारा दिया और 10 जून 2024 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 3 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण और शहरी परिवारों को घरों के निर्माण के लिए सहायता प्रदान करने का संकल्प लिया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुसार 10 लाख करोड़ के निवेश के साथ पीएमएवाई-यू 2.0 , एक करोड़ परिवारों की आवास आवश्यकताओं को पूरा करेगा , ताकि प्रत्येक नागरिक बेहतर गुणवत्ता वाला जीवन जी सके।  (अनुलग्नक 3) परिवहन के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरक...

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने सितंबर 2024 तक 'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान के तहत 80 करोड़ पौधे लगाने के अपने लक्ष्य को सफलतापूर्वक पूरा किया। यह लक्ष्य तय समय सीमा से 5 दिन पहले यानी 25 सितंबर 2024 को ही हासिल कर लिया गया।

  एक पेड़ माँ के नाम: 80 करोड़ पौधे रोपे गए मात्र एक घंटे में 5 लाख पौधा रोपण का रिकॉर्ड ! विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर , प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ' एक पेड़ माँ के नाम ' अभियान की शुरुआत की थी। यह अभियान पर्यावरण के प्रति अपना दायित्व निभाने के साथ-साथ माताओं के प्रति श्रद्धा और समर्पण भाव दर्शाने की एक अनूठी पहल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 जून , 2024 को दिल्ली के बुद्ध जयंती पार्क में पीपल का पौधा लगाकर इस अभियान की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री ने पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए सामूहिक प्रयासों के महत्व पर ज़ोर दिया और पिछले एक दशक में भारत के वन क्षेत्र में हुई प्रगति का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह अभियान देश के सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है! ' एक पेड़ माँ के नाम ' एक संकेतिक भाव है – अपनी माँ के नाम पर एक पेड़ लगाने का उद्देश्य जहां , जीवन को पोषित करने में माताओं की भूमिका का सम्मान करना है , वहीं अपने ग्रह को स्वस्थ बनाए रखने में अपना योगदान देना भी है। पेड़ जीवन को बनाए रखते हैं और एक माँ की तरह ही पोषण , सुरक्षा और भविष्य प...

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा अधिग्रहित, मौसम और जलवायु अनुसंधान के लिए तैयार उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) प्रणाली , नए एचपीसी सिस्टम का नाम 'अर्का' और 'अरुणिका' रखा गया है - जो पृथ्वी के प्राथमिक ऊर्जा स्रोत सूर्य से उनके संबंध को दर्शाता है

  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मौसम और जलवायु अनुसंधान के लिए तैयार उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) प्रणाली का उद्घाटन किया , नए एचपीसी सिस्टम का नाम ' अर्का ' और ' अरुणिका ' रखा गया है - जो पृथ्वी के प्राथमिक ऊर्जा स्रोत सूर्य से उनके संबंध को दर्शाता है  भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा अधिग्रहित , मौसम और जलवायु अनुसंधान के लिए तैयार उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) प्रणाली का उद्घाटन किया है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर 850 करोड़ रुपये निवेश किए गए हैं। यह परियोजना विशेष रूप से चरम घटनाओं के लिए अधिक विश्वसनीय और सटीक मौसम और जलवायु पूर्वानुमान के लिए भारत की कम्प्यूटेशनल क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण छलांग है। यह दो प्रमुख स्थलों पर स्थित है - पुणे में भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) और नोएडा में राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र (एनसीएमआरडब्ल्यूएफ)।   आईआईटीएम सिस्टम 11.77 पेटा फ्लॉप्स और 33 पेटाबाइट स्टोरेज की प्रभावशाली क्षमता से लैस है , जबकि एनसीएमआरडब्ल्यूएफ सुविधा में 8.2...

पर्यावरण को प्रदूषित करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही करने की प्रक्रिया भी इस वेब साईट पर प्रकाशित है

पर्यावरण को प्रदूषित करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही करने की प्रक्रिया भी इस वेब साईट पर प्रकाशित है
पर्यावरण नियमों का अनुपालन नहीं करने के आरोपी लोगों को दण्डित किये जाने की क़ानूनी प्रक्रिया और वर्त्तमान में लागु प्रावधान भी इस वेबसाइट पर प्रकाशित है - इसलिए इस वेब साईट से जानकारी लीजिये और पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यवहारिक तौर पर संभव होने वाली क़ानूनी प्रक्रिया को अपनाकर पर्यावरण संरक्षण का प्रयास कीजिये

जानिए - पर्यावरण संरक्षण के व्यवहारिक क़ानूनी उपाय! जिनका प्रयोग करना पर्यावरण संरक्षण हेतु जरुरी है

जानिए - पर्यावरण संरक्षण के व्यवहारिक क़ानूनी उपाय! जिनका प्रयोग करना पर्यावरण संरक्षण हेतु जरुरी है
इस वेबसाइट पर उपलब्ध है "पर्यावरण विधि का संकलन" - उल्लेखनीय है कि, हमारी जीवन दायिनी वसुंधरा के संरक्षण के लिए भारत गणराज्य द्वारा अधिनियमित प्रावधानों व नियमों का संक्षिप्त परिचय और विचारणीय पहलुओं को संकलित कर इस वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है तथा इस वेबसाईट पर पर्यावरण अधिनियम और नियम की जानकारी के साथ - साथ आपको... उन सभी कार्यवाही प्रक्रियाओं की भी जानकारी मिलेगी... जो पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्यान्वित है

पर्यावरण को संरक्षित करने के नियमों की जानकारी देने वाली वेबसाईट

पर्यावरण को संरक्षित करने के नियमों की जानकारी देने वाली वेबसाईट
पर्यावरण संरक्षण कार्यवाहियों की निगरानी सूचना का अधिकार आवेदन देकर व्यक्तिगत तौर पर करिए क्योंकि पर्यावरण को प्रदूषित कुछ लोग करते हैं और इस दुष्परिणाम सभी जिव, जंतु और मनुष्यों पर पड़ता है

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